सड़कों पर जीवन बिताता बचपन।
भारत में 4+लाख भिखारियों में से एक तिहाई बच्चे हैं।
कैसी है इनकी जिंदगी..? कैसा है इनका जीवन..?
भारत की सड़कों पर भटकते भिखारी, उनमें से करीब एक तिहाई की उम्र 18 वर्ष से कम है।
देश के कई हिस्सों में बच्चे गरीबी से बचने की कोशिश में भीख मांगने लग जाते हैं। कुछ अकेले घर से भाग कर आते हैं और कुछ परिवार के साथ सड़कों पर भीख मांगते हैं।
भारत में कई गरीबी रेखा में आने वाले परिवारों को लगता है की भीख ही उनका एक मात्र सहारा है, जिसके कारण उनका जीवन यापन हो सकता है, इसीलिए उनके पास अपने बच्चों को भीख मंगवाने के अलावा और कोई उपाय नहीं मिलता।
पूरे देश भर मैं ज्यादातर बाल भिखारी व्यस्त चौराहों, बाजारों, धार्मिक स्थलों और रेलवे स्टेशनों जैसी जगहों पर होते है, व्यस्त जगहों पर भीख मांगना ओर ज्यादा पैसे मिलने की संभावना बड़ जाती है।
पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी संगठनों का कहना है की देश भर में हजारों बच्चों को अगवा किया जाता है और उनको भीख मांगने में मजबूर किया जाता है, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है की भीख मंगवाने के लिए इनको भूखा रखा जाता है तांकी वो कमजोर दिख सकें ओर उनको सहानुभूति मिल सके, बाला अधिकारियों का कहना है की "भीख माफिया" इनको विकलांग बना देते हैं जिस कारण इन्हें भीख ज्यादा मिल सके क्योंकि विकलांग बच्चों को भीख ज्यादा दी जाती है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक इनमे से कई बच्चे नशीली दवाओं के आदि बन जाते हैं और यौन शौषण के भी शिकार हो जाते हैं। इन बच्चों को सुरक्षा और उनके बेहतर हालतों के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं,
आखिर ये भी तो किसी की संतान है, ये भी भी तो किसी का जीवन है, ये भी तो किसी मां-बाप की जिंदगी है, असल में ये भी तो इस देश की उभरती हुई किरण है जो की बस अपने और अपने परिवार के हालतों के आगे मजबूर हैं।
तो आइए हम सब मिलकर इनके लिए कुछ करते है, इनके बेहतर जीवन और बेहतर खुशियों के लिए कुछ करते हैं।
Inspired by your ✍️ Truly said - but what we can do either we can contribute to NGO’s or we can pay for education or adoption of 1-2 children but its about whole nation. Although NGOs are these day not so trust worthy. Lack of Money and Lack of Education is the cause of all Evil. Education is the vital and most important element. We should try to raise awareness might be that works, finger crossed.
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